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Showing posts from May, 2016

शिवाग्रज , शिवबंधु : संभाजीराजे.

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.. शिवाग्रज ,शिवबंधु : संभाजीराजे .. . हिंदवी स्वराज्य संस्थापक छत्रपती शिवाजी महाराज को तो भारतवर्ष का हर कोई जानता हैl मुगलो जैसे बलशाली सत्ता के विरुद्ध स्वकियो का राज्य स्थापित करने वाले शिवाजी महाराज को राष्ट्रपुरुष कहा जाता हैl शिवाजी महाराज की स्वराज्य निर्मिती के प्रेरणास्त्रोत थे उनकी माता जिजाउ, पिता शहाजीराजे और ज्येष्ठ बंधु संभाजीराजे... अधिकतम लोगोको ये पता भी नही है के शिवाजी महाराज ेको संभाजीराजे नाम के कोई भाई भी थे. वेरुळ (एलोरा) के भोसले कुलोत्पन्न शहाजी राजे का विवाह सिंदखेड राजा के निंबाळकर कुलोत्पन्न जिजाउ से हुवा. इस दंपती को दो पुत्ररत्न प्राप्त हुवे.. 1) संभाजी. 2) शिवाजी. ज्येष्ठ पुत्र संभाजी का ससुराल शिवनेरी था. जहा पर 1627 मे शिवाजी महाराज का जन्म हुवा. उस समय महाराष्ट्र मे मुगलोका काफी खौफ था. अहमदनगर की निजामशाही राज्यको मुगलोने परास्त किया  और महाराष्ट्र मे लुट और आंतक का महौल कायम किया. ऐसे संकटकाल मे शहाजीराजे ने गर्भवती पत्नी जिजाउ को अपने समधीजी तथा संभाजी राजे के ससुर के यहा शिवनेरी मे रखा. संभाजीराजे बचपनमे ही अपने पिता की जहागिर बंगलो...

ओबामा और हिरोशिमा

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..ओबामा और हिरोशिमा.. अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा इस समय जपान के दौरे पर है. और विश्वभर मे ओबामा की हिरोशिमा भेट के चलते काफी उत्सुकता है. चलो थोडा इतिहास के पन्नो मे झांक कर देखते है.. . ..क्या हुवा था हिरोशिमा नागासाकी मे.. . दरअसल ये उन दिनो की बात है जब युरोप मे हिटलरके नाझीवाद के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध शुरु हो गया था. जर्मनीके साथ इटली और जपान भी मित्रराष्ट्रो के विरुद्ध इस विश्वयुद्धमे समाविष्ट हो गये. आरंभ मे विजय प्राप्त होने पर अक्षीय सेना (जर्मनी - इटली - जपान ) मित्र राष्ट्रो से बुरी तरहसे पराजित हो गयी. और इस विश्वयुद्ध का अंत काफी खौफनाक था. मानवजाती के इतिहास मे पहिली बार अण्वस्त्रो का उपयोग अमेरीका द्वारा जपान पर किया गया. वैसे देखा जाए तो जिस समय अमेरिका ने परमाणु बम का इस्तमाल जपान पर किया. उस समय जपान लगबग हार की कगार पर था , सेनाप्रमुख आयसनहॉवर की भी यही राय थी की जपान को परास्त कर शरण लाने मे परमाणु बम के प्रयोग की कोई आवश्यकता नही है. जानेमाने विद्वान आईनस्टाईन भी इसके विरुद्ध थे.परंतु युद्ध सचिव स्टीमसन के आग्रहवश 6 अगस्त 1946 के दिन 8:15 am.बजे ...

जगजितसिंगजी की याद मे..

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मै अक्सर सुनता हु वो आवाज , जो कुछ अर्से पहीले न जाने कहा गुम हो गई... थोडी दर्द भरी , थोडी प्यार भरी , वो कागज की कश्ती .. न जाने कहा गुम हो गई... जिनको मेरी आखोने चुना था दुनिया देखकर वो शक्सीयत ... न जाने कहा गुम हो गई. अब तो बस उनकी याद किया करते है.. गुलजार साब के लब्ज.. और जगजीत जी की आवाज को रेकॉर्ड पर सुना करते है.. सुना था जिनको कभी इन कानो से.. न जाने वो जगजीत जी कहा गुम हो गये... #जगजीतसिंगजी की याद मे.... -प्रा. अक्षय नेवे, पुणे.

NEET

                ...नीट विषयी थोडेसे... मान्य आहे की कोर्टाने एक वर्ष अगोदर नोटिस द्याय्ला हवी होती. पण आता नीट चा नीट अभ्यास केला तर मला नाही वाटत की नीट काढणे अवघड आहे म्हणुन.. खास state CET वाल्यांसाठी म्हणुन NEET phase 2 आहेच की.. तब्बल दोन महिन्यांचा कालखंड आहे अभ्यासाला.. आणी मित्रान्नो .. गरीबी श्रीमंती चा प्रश्नच नाहीये. प्रश्न परिश्रमाचा व क्षमतेचा आहे. केंद्रीय विद्यालायात गरिबांचिच मुले जास्त अस्तात.तामिळनाडु सारख्या राज्यान्मध्ये CET वगैरे काही न देता मेडिकल ला प्रवेश मिळतो.. त्याला चाप बसेल यामुळे.. बरीच शी लायकी नसलेली डॉ. लोकांची संख्या वाढवण्यापेक्षा   लायक डॉ. आवश्यक आहेत. कोर्टाचा निर्णय विचारपुर्वक आहे. त्याचा आदर राखायलाच हवा. कालच केंद्र सरकार ने लोकभावनेचा सन्मान राखत नीट संदर्भात वटहुकुम काढला. व एकंदरीत नीट चे सावट विद्यार्थ्यांच्या डोक्यावरुन तात्पुरते का होइना दुर झालेय. पण आता पुढील वर्षी कोणतीही सवलत नाही बरे का.. मित्रानो तर चला अभ्यासाला लागुया.. प्रा. अक्षय प्रकाश नेवे. स.प.महाविद्यालय, पुणे.