जगजितसिंगजी की याद मे..
मै अक्सर सुनता हु वो आवाज ,
जो कुछ अर्से पहीले न जाने कहा गुम हो गई...
थोडी दर्द भरी , थोडी प्यार भरी ,
वो कागज की कश्ती .. न जाने कहा गुम हो गई...
जिनको मेरी आखोने चुना था दुनिया देखकर
वो शक्सीयत ... न जाने कहा गुम हो गई.
अब तो बस उनकी याद किया करते है..
गुलजार साब के लब्ज.. और जगजीत जी की आवाज को रेकॉर्ड पर सुना करते है..
सुना था जिनको कभी इन कानो से..
न जाने वो जगजीत जी कहा गुम हो गये...
#जगजीतसिंगजी की याद मे....
-प्रा. अक्षय नेवे,
पुणे.
जो कुछ अर्से पहीले न जाने कहा गुम हो गई...
थोडी दर्द भरी , थोडी प्यार भरी ,
वो कागज की कश्ती .. न जाने कहा गुम हो गई...
जिनको मेरी आखोने चुना था दुनिया देखकर
वो शक्सीयत ... न जाने कहा गुम हो गई.
अब तो बस उनकी याद किया करते है..
गुलजार साब के लब्ज.. और जगजीत जी की आवाज को रेकॉर्ड पर सुना करते है..
सुना था जिनको कभी इन कानो से..
न जाने वो जगजीत जी कहा गुम हो गये...
#जगजीतसिंगजी की याद मे....
-प्रा. अक्षय नेवे,
पुणे.
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ReplyDeleteWa akshay ji wa.
ReplyDeleteFeeling good while reading this blog post.
Thank you CK..
DeleteNice
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