ओबामा और हिरोशिमा
..ओबामा और हिरोशिमा..
अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा इस समय जपान के दौरे पर है. और विश्वभर मे ओबामा की हिरोशिमा भेट के चलते काफी उत्सुकता है. चलो थोडा इतिहास के पन्नो मे झांक कर देखते है..
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..क्या हुवा था हिरोशिमा नागासाकी मे..
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दरअसल ये उन दिनो की बात है जब युरोप मे हिटलरके नाझीवाद के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध शुरु हो गया था. जर्मनीके साथ इटली और जपान भी मित्रराष्ट्रो के विरुद्ध इस विश्वयुद्धमे समाविष्ट हो गये. आरंभ मे विजय प्राप्त होने पर अक्षीय सेना (जर्मनी - इटली - जपान ) मित्र राष्ट्रो से बुरी तरहसे पराजित हो गयी. और इस विश्वयुद्ध का अंत काफी खौफनाक था.
मानवजाती के इतिहास मे पहिली बार अण्वस्त्रो का उपयोग अमेरीका द्वारा जपान पर किया गया.
वैसे देखा जाए तो जिस समय अमेरिका ने परमाणु बम का इस्तमाल जपान पर किया. उस समय जपान लगबग हार की कगार पर था , सेनाप्रमुख आयसनहॉवर की भी यही राय थी की जपान को परास्त कर शरण लाने मे परमाणु बम के प्रयोग की कोई आवश्यकता नही है. जानेमाने विद्वान आईनस्टाईन भी इसके विरुद्ध थे.परंतु युद्ध सचिव स्टीमसन के आग्रहवश 6 अगस्त 1946 के दिन 8:15 am.बजे हिरोशिमा पर "लिटील बॉय" नामक परमाणु बम का प्रयोग किया गया.और 9 अगस्त को नागासाकी पर "फॅट्मॅन " नामक परमाणु बम का इस्तमाल किया गया.
लिटील बॉय बम मे युरेनियम का उपयोग किया गया था. तो फॅटमॅन मे प्लुटोनियम का...
विश्व मे सभ्यता की रक्षक कहलानी वाली अमेरिका ने इन दो दिनो मे लाखो लोगो की जाने कुछही क्षणोमे ले लिया थी. बरसो तक यहा पे जन्म लेने वाले बच्चे जन्मसे ही अपाहिज या कोई व्यंग ले कर ही जन्मे थे. या फिर किसी अवयव को कर्करोग जैसी बिमारी को ले कर जिवीत रहते थे..
मई 2016 मे अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा हिरोशिमा को प्रत्यक्ष भेट देने वाले है.. अब जिज्ञासा इस बात की है की 70 साल पहिले अमेरिका ने जो हिंसक क्रौर्य कर्म किया था. इसके बारे मे वे खेद प्रकट करेंगे या नही.
-प्रा. अक्षय प्रकाश नेवे,
पुणे.
अमेरीकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा इस समय जपान के दौरे पर है. और विश्वभर मे ओबामा की हिरोशिमा भेट के चलते काफी उत्सुकता है. चलो थोडा इतिहास के पन्नो मे झांक कर देखते है..
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..क्या हुवा था हिरोशिमा नागासाकी मे..
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दरअसल ये उन दिनो की बात है जब युरोप मे हिटलरके नाझीवाद के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध शुरु हो गया था. जर्मनीके साथ इटली और जपान भी मित्रराष्ट्रो के विरुद्ध इस विश्वयुद्धमे समाविष्ट हो गये. आरंभ मे विजय प्राप्त होने पर अक्षीय सेना (जर्मनी - इटली - जपान ) मित्र राष्ट्रो से बुरी तरहसे पराजित हो गयी. और इस विश्वयुद्ध का अंत काफी खौफनाक था.
मानवजाती के इतिहास मे पहिली बार अण्वस्त्रो का उपयोग अमेरीका द्वारा जपान पर किया गया.
वैसे देखा जाए तो जिस समय अमेरिका ने परमाणु बम का इस्तमाल जपान पर किया. उस समय जपान लगबग हार की कगार पर था , सेनाप्रमुख आयसनहॉवर की भी यही राय थी की जपान को परास्त कर शरण लाने मे परमाणु बम के प्रयोग की कोई आवश्यकता नही है. जानेमाने विद्वान आईनस्टाईन भी इसके विरुद्ध थे.परंतु युद्ध सचिव स्टीमसन के आग्रहवश 6 अगस्त 1946 के दिन 8:15 am.बजे हिरोशिमा पर "लिटील बॉय" नामक परमाणु बम का प्रयोग किया गया.और 9 अगस्त को नागासाकी पर "फॅट्मॅन " नामक परमाणु बम का इस्तमाल किया गया.
लिटील बॉय बम मे युरेनियम का उपयोग किया गया था. तो फॅटमॅन मे प्लुटोनियम का...
विश्व मे सभ्यता की रक्षक कहलानी वाली अमेरिका ने इन दो दिनो मे लाखो लोगो की जाने कुछही क्षणोमे ले लिया थी. बरसो तक यहा पे जन्म लेने वाले बच्चे जन्मसे ही अपाहिज या कोई व्यंग ले कर ही जन्मे थे. या फिर किसी अवयव को कर्करोग जैसी बिमारी को ले कर जिवीत रहते थे..
मई 2016 मे अमेरिकी राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा हिरोशिमा को प्रत्यक्ष भेट देने वाले है.. अब जिज्ञासा इस बात की है की 70 साल पहिले अमेरिका ने जो हिंसक क्रौर्य कर्म किया था. इसके बारे मे वे खेद प्रकट करेंगे या नही.
-प्रा. अक्षय प्रकाश नेवे,
पुणे.
Keep it up Akshay!
ReplyDeleteThanks dada..
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